
Stay Positive In A Negative Work Environment
हर किसी को कहीं न कहीं नकरात्मक स्थिति का सामना करना पड़ता ही हैं | हमें अपने घरों में, दफ्तरों में, समाज में, स्कूलों में इत्यादि जगहों पर ऐसे लोग मिल जाते हैं जहां हमें नकरात्मक अनुभव होता हैं | और हमें ऐसे नकरात्मक स्थिति से बचकर रहना हैं | तो आये जानते हैं कि हमारे ऊपर जब ऐसी स्थिति आये तोह हम क्या करें, कैसे हम अपने आप को ज्यादा पॉजिटिव बनाये ताकि नेगेटिविटी हम पर हावी न हो और हम उससे ज्यादा मजबूत बने |
हम सभी अपने ज़िन्दगी में नकरात्मक स्थितिओं का सामना करते हैं | अगर कोई हमारे बारें में गलत कहता हैं या हमें कोई अस्वीकार कर देता हैं, तो हमें दुःख होता हैं और हम मानसिक पीड़ा से ग्रसित हो जाते हैं |
अगर हम ऐसे नकरात्मक स्थितियों पर लोगो को नकरात्मक जवाब देते हैं तो यह हमें और भी मुश्किलों में डाल सकता हैं और स्थिति को और भी बत्तर बना सकता हैं | जिससे हमें बाद में निराशा ही मिलने वाली हैं | इसलिए ऐसे स्थितियों का हमें बहुत ही मजबूती से और सही तरीके से सामना करना होता हैं |
ऐसे स्थितिओं में अपने आप को सकरात्मक रखना बहुत ही मुश्किल हो जाता हैं | ऐसे स्थितियों में क्या करें, कैसे व्यवहार करें, क्या सोचें – इन् सभी बातों पर ही हम आपसे आज के इस लेखनी पर वृहत रूप से बात करेंगे |
आप के अंदर अपार और असीम शक्तियां हैं और यह आपके अंदर ही हैं, हमें इससे बाहर नहीं ढूँढना हैं | हमारा संकल्प ही हमारा भाग्य हैं | जैसा हम संकल्प करते हैं वैसा हमारा बोल होता हैं | और जैसा बोल होता हैं, वैसा ही हमारा कर्म होता हैं, और कर्म ही हमारा भाग्य लिखते हैं |
अतः हम नकरात्मक स्थिति से मजबूती से लड़ सकते हैं और जीत सकते हैं | नकरात्मक स्थिति का तोड़ सकरात्मक स्थिति हैं | जो जितना मजबूत होता हैं वो जीत जाता हैं | तो समझा क्या करना हैं?
हमें अपने आप को सकरात्मक बनाना हैं | अपनी आत्मा रूपी बैटरी को मैडिटेशन द्वारा पूरा चार्ज करना हैं ताकि हम पर नकरात्मक स्थिति हावी न हो | कोई आप पर हावी क्यों होता हैं जब आप को कमजोर देखता हैं | राजयोग मैडिटेशन ऐसा योग हैं जो हमें आतंरिक शक्ति प्रदान करता हैं और आत्मा को पवित्र बनाता हैं |
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कोई इंसान आपको गलत शब्द कहता हैं, वो अपने संस्कार अनुसार आपसे यह बातें कहता हैं, लेकिन हमें उसे कैसे जवाब देना हैं, ये हमारे संस्कार अनुसार होंगे और पूरी तरह से मेरी पसंद होगी कि हमें क्या जवाब देना हैं |
कारण रूपी निगेटिव को समाधान रूपी पॉजिटिव बनाओ।
Make negative reasons into positive solutions.
भगवान कहते है कि बच्चे कारन रूपी निगेटिव को समाधान रूपी पॉजिटिव बना दो, हमें किसी भी बात में कारन नहीं ढूँढना हैं बल्कि समाधान ढूंढने में लग जाना हैं इससे व्यर्थ ख़तम हो जाएगा और हमें मन में शांति अनुभव होगी | दफ्तरों में भी ऐसी कई समस्याएं आती हैं जिसमे लोग कारन ढूंढने में ही समय गवां देते हैं और हल नहीं निकाल पाते | अगर हम कारन रूपी निगेटिव पर ज्यादा जोर देंगे तो समाधान रूपी पॉजिटिव नहीं बना पाएंगे |
#Scene 1:
Negative scene: एक घटना याद आती हैं कि एक आदमी था जो अपने नौकरी के कारन बहुत ही परेशान रहा करता था | वो कही पर भी, किसी भी नौकरी में टिक नहीं पा रहा था | हर दफ्तर में उसके साथ उसके वरिष्ठ कर्मचारी के साथ हमेशा झगड़ा हो जाया करता था, इस कारन से वो किसी एक नौकरी में टिक नहीं पा रहा था | वो हमेशा कहता था कि मेरे सीनियर ठीक नहीं है, हमेशा टोकता रहता हैं, बॉस से मेरा शिकायत करते रहता हैं, उसको नहीं छोड़ेगे | और हर कंपनी में उसका यही हाल था| अब बताये दोस्तों, यहाँ वो बेचारा क्या करें कि वो आसानी से नौकरी कर पाए और अपने बॉस को भी खुश करें |
Positive Scene: मेरे ख्याल से उसे अपने काम से ही बॉस को प्रभावित करना चाहिए | अपने अंदर के स्वाभविक गुणों का स्मरण कर उसे हमेशा शांत और खुश रहना है | दोस्तों अगर बेड में कोई कचरा पड़ा हैं तो हम क्या करते है, उसे तुरंत साफ कर देते हैं न | हमारा स्वाभविक गुण ही हैं पवित्रता, शांति जिसे हमें हमेशा याद रखना चाहिए | अगर हमसे कोई कुछ कहता भी है तो हमें शांत रहना है | रहमदिल बन सामने वाले से बात करना हैं | हमारा वय्वहार देख सामने वाला भी शांत हो जाता हैं | लेकिन पहल हमें ही करनी हैं, ठीक उसी तरह जैसे अगर हम काला गेंद दीवाल पर मारते हैं तो वापस कौन सा गेंद आएगा? काला ही न! और सफ़ेद गेंद मारते हैं तो? सफ़ेद ही न! ठीक इसी प्रकार हमें पहल करनी हैं, हमें शांत रहना हैं अपने दफ्तर में, और इससे देख लोग भी आपसे शांत तरीके से ही बात करेंगे |
Recharge Your Soul
बस हमें एक चीज़ करने की जरुरत हैं, हमें अपने स्वाभाविक गुण याद रखने हैं, कि मैं शांत स्वरुप आत्मा हूँ | मैं पवित्र स्वरुप आत्मा हूँ | इसके लिए हमें अपने आत्मा रूपी बैटरी को डेली सुबह परमात्मा रूपी बड़ी बैटरी से चार्ज कर लेना होगा जिसे मैडिटेशन(योग) कहते हैं | योग मतलब आत्मा और परमात्मा का संगम | और मैडिटेशन(योग) में भी सबसे अच्छा प्रकार हैं राजयोग मैडिटेशन, जो आप किसी भी ब्रह्मा कुमारीज के सेंटर पर जाकर सिख सकते हैं | अगर हम अपने सोल को प्रतिदिन रिचार्ज करेंगे तो हमारे लिए बहुत ही आसान हो जायेगा शांत रहना, पवित्र रहना |
#Scene 2:
Negative Scene : एक ऑफिस में बॉस ने अपने एक कर्मचारी को किसी कारणवश डांटा, अब वो कर्मचारी इतना गुस्सा हो गया कि वो तुरंत ऑफिस छोड़ कर चला गया और तुरंत उसने निर्णय ले लिया कि यह नौकरी मुझे नहीं करनी हैं | ठीक दूसरी स्थिति भी हैं कि कर्मचारी ने कुछ गलती कर दी और बॉस इतना गुस्सा हो गए कि तुरंत निर्णय लेकर उसे नौकरी से निकाल दिया |
Positive Scene : दोस्तों, यह स्थिति लगभग हर दफ्तरों की हैं, हमें यह समझना हैं कि यह दफ्तर हमारा मंदिर हैं और हम यहाँ के देवी देवता हैं | कर्म ही हमारा पूजा हैं | तोह हमें सबसे पहले तो भावुक होकर या गुस्से में कोई भी निर्णय नहीं करना चाहिए | क्या मंदिर में कोई गुस्सा करेगा? भावुक वश या गुस्से में अगर कोई निर्णय किया जाता हैं तो उसका परिणाम बहुत ही गलत होता हैं उसमे हम अपना ही नुकसान कर लेते हैं | अतः आप अपने भावना पर नियंत्रण रखे | यहाँ में फिर कहूंगा कि आप राजयोग का अभ्यास करें जो आपको शक्ति देगा कि कैसे अपने भावना पर नियंत्रण करना हैं |
दफ्तरों में नकरात्मक स्थितियों पर सकरात्मक रवैया रखना एक बहुत ही बड़ा और महत्वपूर्ण गुण माना जाता हैं | और आपके प्रोफेशनल करियर को मजबूत बनाता हैं कि आप कोई भी नकरात्मक स्थितियों का सामना कर सकते हैं |
Spirituality at Work
We have to use the Spirituality Power to deal everyday situations in our offices and everywhere which teaches us the following things:
- The Power Of Respect
- The Power To Pack Up
- The Power To Let Go
- The Power Of Silence
- The Power To Accommodate
- The Power To Withdraw
- The Power To Detach
- The Power To Transform
- The Power To Discern
- The Power To Accept
- The Power To Care
- The Power To Love
- The Power To Co-Operate
This Article Will Guide You that how can we keep our office’s environment peaceful and joyful by this spiritual powers.
http://www.brahmakumaris.org/wisdom/spiritual-tools/spirituality-at-work
The pen with which you can draw your line of elevated fortune is your elevated acts. Therefore, create as much fortune as you want.
श्रेष्ठ भाग्य की रेखा खींचने का कलम है श्रेष्ठ कर्म, इसलिए जितना चाहे उतना भाग्य बना लो। – Brahma Kumaris
Protection From Negative Environment: BK Shivani (Hindi)
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